साथियों,
केंद्रीय कैबिनेट द्वारा दिनाँक 04 नवम्बर को वी आर एस को घोषणा के साथ ही इस गोल्डन हैंडशेक स्कीम को लोगों का गोल्डन रिस्पॉन्स मिला और लोगों ने इसे हाथों हाथ लिया ।विंडो खुलने के मात्र 2-4 दिवसों में वी आर एस लेने वालों का आँकड़ा 50 हज़ार पार कर गया।
पर अभी भी कुछ लोग बाकी रह गए हैं जिनके लिए यह लेख पथप्रदर्शक के रूप में काम आएगा।अंत तक पढ़ें जरूर।।
आचार्य चाणक्य की नीति से उदधृत एक श्लोक
यो ध्रुवाणि परित्यज्य अध्रुवं परिषेवते।
ध्रुवाणि तस्य नश्यन्ति अध्रुवं नष्टमेव हि।।
इस श्लोक का अर्थ है कि जो व्यक्ति निश्चित वस्तुओं को छोड़कर अनिश्चित वस्तुओं की ओर भागता है उसके हाथों से दोनों ही वस्तुएं निकल जाती है। अत: जीवन में निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस प्रकार की गलतियां हमें नहीं करना चाहिए।
यहाँ यह जानने की ज़रुरत है कि निश्चित व अनिश्चित BSNL के परिप्रेक्ष्य में क्या हैं। चलिए देखते हैं -
1. वी आर एस के लाभ निश्चित रूप से मिल रहे हैं क्या?
2.वी आर एस स्कीम असफल होने पर बी एस एन एल का भविष्य अथवा आपका वेतन प्रति माह निश्चित है क्या?
3.वी आर एस स्कीम के सफल होने पर भी क्या बी एस एन एल का वी आर एस के बाद भविष्य निश्चित है क्या अथवा आपका वेतन निश्चित है क्या?
4.क्या आपकी सेवानिवृत्ति की आयु 60 ही रहेगी अथवा निकट भविष्य में 58 वर्ष की हो जाएगी ,यह निश्चित है क्या?
उपरोक्त बातों के बारे में ध्यान रख कर आप अपना निर्णय ले सकते हैं।
कुछ दिनों से यह देखने मे आ रहा है कि कतिपय नेता अपने जनाधार को खिसकता देख कर ब्रैंस्टोर्मिंग (विचार मंथन) सत्र आयोजित कर रहे हैं ,जिसका उद्देश्य उनके खुद के साथियों का भले अथवा उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना अथवा वी आर एस के बाद बी एस एन एल अथवा युवा लोगों के भविष्य के प्रति चिंता(जैसा कि वे सभी को बताते हैं) न होकर एकमात्र यह है कि कैसे भी उनका जनाधार बचा रहे व उनकी नेतागिरी ,चंदे का धंधा,ट्रांसफर पोस्टिंग में भ्रष्टाचार,ब्लैकमेलिंग,डराना,धमकाना इत्यादि चलता रहे।
वैसे भी अगर आप ध्यान दे तो आज जो दिन आपको देखने पढ़ रहे हैं उसके लिये यही लोग जिम्मेदार है।इनके कारण ही आज आपको तीसरे वेतनमान के बिना सेवानिवृत होना पड़ रहा है क्योंकि बी एम एस के प्रयासों के फलस्वरूप फरवरी 2019 में ही सरकार बी एस एन एल को 5% फिटमेंट देने को तैयार हो गई थी पर इनके राजनैतिक आकाओं के हितों के चलते इन्होंने उसे असीकार कर दिया।यह सभी बराबर रूप से दोषी हैं क्योंकि आज भी यह प्रशासन को अपने आप को 90 % अधिकारी/कर्मचारियों का प्रतोनिधि घोषित करते हैं। यह सब्ज़बाग दिखाते फिर रहे हैं कि तीसरा वेतनमान वी आर एस के बाद लगेगा तो लोगों का नुकसान होगा।अगर स्वविवेक से आप सोचे तो आप खुद ही सच्चाई जान जाएंगे कि इनकी बात में कितना दम है।साथियों अगर 1.75 लाख अधिकारी/कर्मचारी होने पर जब यह नही कर पाए तो क्या वी आर एस के बाद मुठ्ठी भर लोग कुछ कर पाएँगे।वैसे भी अब इनको कोई भाव नही दे रहा है और एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है वी आर एस के बाद के नेता यह उम्रदराज़ लोग नही रहेंगे ,नई ऊर्जा,नई सोच रखने वाले व बहुतायत में बचने वाले सीधी भर्ती वाले युवा ही रहेंगे।यह निश्चित है।
इनके द्वारा लोगों को दिग्भ्रमित करने से अनिश्चितता ही बढ़ेगी क्योंकि अगर लोगों ने वी आर एस नही लिया तो रिवाइवल का द्वितीय सोपान कैसे चढ़ेंगे ।ध्यान रहे रिवाइवल का प्रथम सोपान सफल वी आर एस ही है। अगर बी एस एन एल रहेगा तो ही हम सब रहेंगे।हम सभी को आज जो मान सम्मान मिला है ,जो भी हमे अभी तक मिला है वो बी एस एन एल के कारण ही मिला है ,लेकिन अब यह कर्ज़ चुकाने का समय है और इसके लिए भी भारत के इतिहास में अब तक की एक बहुत ही बेहतरीन योजना हम सब के समक्ष है जिसमे अधिकतम 1.5 करोड़ तक रुपये मिल रहे हैं।
यहाँ कुछ लोगों द्वारा यह भी कहकर भ्रमित किया जा रहा है अभी 85 लाख मिल रहे हैं 60 साल के बाद 1 करोड़ मिलेंगे लेकिन यह बात आप समझे कि मुद्रा/धन का समय के साथ अवमूल्यन/डेप्रिसिएशन होता है।इसको ऐसे समझे कि आज के 10 रुपये ,10 साल बाद 10 रुपये नही रहेंगे वरन 7-8 रुपये के बराबर रहेंगे तो ऐसे में आज जो पैसा मिल रहा वह 60 वर्ष की उम्र के हिसाब से ज्यादा अच्छा है।
यहाँ एक बात और बताने योग्य है कि एक शोध में पाया है कि जितनी कम उम्र में सेवानिवृत्ति होती है मनुष्य की उम्र उतनी ही ज्यादा होती है।
वैसे भी जो भी पैसा कमाया उसे अगर सही उम्र /समय पर उपभोग ही नही कर पाए तो क्या मतलब।60 वर्ष के बाद सभी की शारीरिक स्थिति उतनी अच्छी नही रहती जितने की उस से कम आयु वालों की,इसलिये जो मौका मिला है उसका फायदा उठाईए।
ध्यान रखिये एक निर्णय सही समय पर ही सही होता हैं।
यहाँ पर यह ध्यान देने योग्य तथ्य है कि वीआरएस की स्कीम को DOT के साथ-साथ बीएसएनल रिक्रूटेड साथियों ने भी अपनाया है ,1983, 1992, 1998 और BR 2001 Batch के पात्र अधिकारियों द्वारा भी वीआरएस की स्कीम को समर्थन दिया है। साथियों कोई भी स्कीम सिर्फ इसलिए नकारना उचित नहीं होगा कि व्यक्ति विशेष द्वारा उसको समर्थित नहीं किया जा रहा है यह भी तो देखना होगा कि उस व्यक्ति विशेष का ऐसा क्या लाभ है जिसके कारण स्कीम के लाभों को जनसामान्य तक नहीं पहुंचाया जा रहा शासन द्वारा योजना सर्वजन हिताय के हिसाब से लागू की जाती है इसलिए सबको अपना-अपना पारिवारिक मूल्यांकन एवं भविष्य में आने वाली समस्याओं को देखते हुए निर्णय लेना है आज स्कीम बंद होती है तो दोबारा नहीं आएगी बार-बार कोई बजट देने वाला नहीं है फिर 58 साल होने से 2 साल का नुकसान भी है।
अंत मे एक बात और कुछ अधिकारी/ कर्मचारी जिनसे मेरी चर्चा हुई उनके लिये यह वी आर एस फॉर्म भरने का समय अत्यंत भावुक थे।हम सबकी हार्दिक संवेदनाएं उन सबके के साथ है ।वास्तव में ऐसा होना लाजमी भी है क्योंकि वह यह सब इतना जल्दी होगा ऐसा नही सोच रहे थे ,पर समय धीरे धीरे सारे घाव भर देता है।आगामी तीन माह में सब अपने आप को इस बात के लिये तैयार कर पाएँगे, ऐसी हमारी आशा है । साथ ही , हमें ऐसी आशा ही नही विश्वास भी है उनमें से कई कर्मठ लोग जब भी बी एस एन एल को ज़रूरत होगी जरूर साथ देंगे।
खैर ,जो भी हो निर्णय आप का स्वयं का होना चाहिए ।
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अप्प दीपो भवः
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आपका
कुलदीप आर्य
परिमंडल सचिव
टेलीकॉम ऑफिसर एसोसिएशन म प्र
मो 9425917773